जो नाक पे है गुस्सा
खबर खराब थी ,
या पी शराब थी  
तकलीफ में थे तुम ,
या खुद में ही थे गुम 
नज़र में आ गए
या धोका खा गए 
नरम गरम अजब करम दिखे बहुत लगे जो कम  ,,,,,महीन सा ये ,,,,,गुस्सा
है नाक पे जो गुस्सा 
जता भी न सके ,
छुपा भी न सके 
तो है फिजूल गुस्सा
