yatra

Friday, February 5, 2021

अकेले हो जाओ

 तमाम मुश्किलों का एक ही हल है 

अकेले हो जाओ ,

मिलो किसी से न किसी को हाल ए दिल ही बतलाओ 

अकेले हो जाओ 

गर्दिशों में जब कभी दामन तुम्हारा फँस जाए 

जब किसी बात से दिल तुम्हारा धँस जाए 

जब रोना तुम्हें अपनी ही हर एक बात पर आए 

किसी की बेरुख़ी जब तोड़ दे दिल को तुम्हारे 

ना मालूम हो कि अब हो तुम किस के सहारे 

तुम्हें जब मितलियाँ नाम पे रिश्तों के आए 

किसी की बेरुख़ी जब कभी बेहद सताए 

अंधेरे की तुम्हें जब ज़िंदगी लगने लगे प्यारी 

दुश्मनों से जब कभी होने लगे यारी 

और किसी की दोस्ती पड़ने लगे भारी 

लगे जब ज़रूरत कहीं पर नहीं है तुम्हारी 


यक़ीन मानो यही वो पल है 

तुम्हारी मुश्किलों का एक ही हल है 

मत घबराओ ......अकेले हो जाओ 

सुमति





0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home