yatra

Friday, July 17, 2020

मशवरा

ज़रा पहले चला होता 

ज़रा पहले मिला होता 

ज़रा पहले कहा होता 

हुआ है जो वो हुआ होता 

यही मुश्क़िल हमारी थी 

मला है हाँथ अक्सर 

रास्तों पर ठोकरें खा कर  

दिखा पहले ज़रा होता 

सुना पहले ज़रा  होता 

जगा पहले ज़रा होता 

मैं ख़ुद ही मोल लेता हूँ 

बालाएं एक से एक उम्मदा 

फिर तुम्हारी ओर तकता हूँ 

किया जो मश्वरा होता 

सुमति 


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