यारा
पता नहीं कहाँ से मिला ये रद्दी कागज़ का टुकड़ा कब लिखा था वो भी याद नहीं
कुछ लिख कर छोड़ देना पकने के लिए एक आदत सी है
कभी कभी पकने की जगह
चीजें सड़ गल भी जाती हैं ये सोच नहीं पाता हूँ
यहाँ वहां छूटे फुटकर ख्वाब रद्दी के भाव भी तो नहीं बिकते बस। ... ये ब्लॉग ही तो है जहाँ चस्पा कर के
भड़ास निकाल लेता हूँ - लीजिये पढ़िए
यारा
खुले जो दिल तो क्या मजा शाम दे गयी यारा
मिला के आँख चिलमन से जाम दे गयी यारा।
मैं खार खार - रहा जब तलक रहा तनहा
तेरी ज़ीस्त जीने का फरमान दे गयी यारा
मेरे मसाइलों को मांझे सा उलझा कर वो
बेकाम सफर को एक काम दे गयी यारा
झाँक कर देखा जो मांझी के झरोखे से
ज़िन्दगी झंड थी सो झंडू बाम दे गयी यारा .
सुमति
कुछ लिख कर छोड़ देना पकने के लिए एक आदत सी है
कभी कभी पकने की जगह
चीजें सड़ गल भी जाती हैं ये सोच नहीं पाता हूँ
यहाँ वहां छूटे फुटकर ख्वाब रद्दी के भाव भी तो नहीं बिकते बस। ... ये ब्लॉग ही तो है जहाँ चस्पा कर के
भड़ास निकाल लेता हूँ - लीजिये पढ़िए
यारा
खुले जो दिल तो क्या मजा शाम दे गयी यारा
मिला के आँख चिलमन से जाम दे गयी यारा।
मैं खार खार - रहा जब तलक रहा तनहा
तेरी ज़ीस्त जीने का फरमान दे गयी यारा
मेरे मसाइलों को मांझे सा उलझा कर वो
बेकाम सफर को एक काम दे गयी यारा
झाँक कर देखा जो मांझी के झरोखे से
ज़िन्दगी झंड थी सो झंडू बाम दे गयी यारा .
सुमति
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