yatra

Saturday, March 20, 2010

वोयारिज्म

वोयारिज्म एक नया शगूफा ...हम फ़िल्मी दुनिया का दिवालियापन देख रहे हैं और शायद मान रहे हैं की इस दुनियां मैं नया talent उभर रहा है ....जब की वो एक लीक पकड़ कर चल ने का आदि है या नक़ल को खूबसूरती से पेश करने का ...आज कल होड़ है mental disorders दीखाने की ...तारे ज़मी पर का दर्शील दिस्लाक्स्चिया से क्या पीड़ित हुआ सरे directors भी मेंटल disorders ढूंढने लगे ...फिर गजनी,,,फिर ....पा.....फिर ऑटिज्म खान॥
अब...... L.S.D ........... दिबाकर बनर्जी ये वोह ही शख्श है जिसने देव D मैं देवदास की ............क्या कहूँ ..जो कहना चाह रहा हूँ वो लिख नहीं सकता ... अब .L.S.D.... में वोयारिज्म पर ही पूरी फिल्म बना ली एकता कपूर जैसी नॉन सोसिअल भद्दी औरत इस की प्रोडूसर है जो सिर्फ चटकारे लेना जानती है पहले घर मैं घुस कर सास बहु के सीरियल बना कर अब ऐसी बेहूदा फिल्म .... विशाल , अनुराग कश्यप , मधुर ये सब जिनेह हम talent मान रहे है असल मैं frustration को भुना ना सीख गए है ..गाली गलौज..सेक्स ...non social relationships.... मतलब परस्ती....subjects हैं ... हम advancement मान कर ..सब देख रहे है और multiplex culture कहते है...ये सब जो वो दिखाते है हमारी कुंठाए है पर उनेह ख़त्म करने का क्या रास्ता है ....फिल्म हमारी कुंठाए बढ़ा नहीं रही हैं ?जो नहीं जानते उन को बता कर वे ऐसे लोगों को भी कुंठित कर देती हैं जो इस दुनियां से दूर हैं ..आप को याद होगा मधुर की पेज ३ के कई ऐसे सीन थे जिन से हम सभी ने नज़रे हटाली ....एक ..घिनोनी दुनिया ....जिसे वो अपने तक ही सिमित रखते तो बेहतर था ....... वे emotional अत्याचार .... और mental rape हमारा कर रहे हैं ......हम उन्हें अवार्ड दे रहे है .... प्रियंका को नेशनल अवार्ड दिया ..... देव D की पारो मैं क्या बुराई थी ....हम सब
वोयारिज्म .... से नज़र नहीं बचाते परइतना क्या जरुरी था इसे सार्वजनिक करना .....

2 Comments:

Blogger Pawan Kumar said...

Nayee movie banane ki soch raha hoon...."SUMATI MISHRA KO GUSSA KYON AATA HAI". idea kaisa hai

April 9, 2010 at 1:04 PM  
Blogger मनीषा said...

arreeee itna gussa !!!! apse ittefaq rakhte hai ki sach ko itna bi nai dikhana chaiye ki ghin ane lage aur kuch sach parde k peeche acche lagte hai aur samay ane pr sabko pata chal jata hai.
ye sach hai ki aj kal hm kuch jyada hi open ho gye hai jiska khamiyaza hme bhugtana hi padega aur shayad bhugat bhi rahe hai kisi na kisi roop me

April 15, 2010 at 4:41 PM  

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