takkila
मैं मैकदे की राह से हो कर गुज़र गया ,
वरना सफर हयात का काफी तवील था ।
यूँ तो मैं पीता नहीं हूँ लेकिन यकीन के साथ ,और बड़े इत्मिनान के साथ भी , कह सकता हूँ की मुझे नशा हर वक्त रहता है और इसी नशे मैं जिंदगी का लंबा सफर कट ता जा रहा है ...नशा राज भाटिया साहब के भाई के पड़ोसी को भी था वो ये की विदेसी शराब पियें गे तो शायद विदेशी नशा हो .....और हुर्रें भी विदेशी ही मिलेंगी उस नशे मैं ...सो वो विदेशी शराब के चक्कर मैं कई चक्कर भाटिया साहब के भाई क यहाँ लगा आए ...हम अपने ही चक्कर काटे पड़े हैं हम पर हमारा ही नशा चढा हुआ है ....और ये भूल गए की ...
चमन मैं मुख्तलिफ रंगों से बात बनती है
हम ही हम हैं तो क्या हम हैं .....तुम्ही तुम हो तो क्या तुम हो
तो इस नशे का इलाज किसी शफा मैं नहीं है किसी दुआ मैं नहीं है ...हर इंशान की फितरत ये है की उसने ही आसमान मैं छेद करना जाना है बाकि सब तो राम भरोसे चल रहा है । तो अपने होने का नशा मुझ पर भी तारी है ..इसी नशे मैं मैंने इतनी यात्रा कर डाली है और पता नहीं कितनी करनी है पर इस नशे से मेरा दिल घबराता है ..
takkila पीना कहीं बेहतर है वो नशा मुश्तकिल नहीं है .... आज की बहकी बहकी बातों के लिए दोस्त माफ़ करदेना शायद होश मैं आगया था जो ये बात कह बैठा कल सुबह सोकर उठूँगा तो फ़िर नशे मैं दुनिया JEETNE के प्लान नाश्ते की MAEJ पर बैठ कर बनाऊंगा और शायद आप भी नशे मैं उस वक्त होंगे aur दुनिया जीतने
निकलने को होंगे.. aayen तब तक होश की बात सोचें....अपने से बहार की सोचें
YATRI नशे मैं नहीं है (जोर देकर कहना है )
5 Comments:
Dear sumati,
after many days found your writing.
its good to know that you love to be in half awaken state,iwould use this term because people in this state remain concious to some extent but lost control on body,but this is the stae where do what they really want to do without any concern of the outer world. our society and circumstances bound us to wrap ourselves in a new cover otherwise god has given us a mind to think , and a beautiful heart to love people and the every bit of this world.
Agar hum sab nashe me jeena seekh le to shayyad duniya me gum ghat jaye............
go on yatri .......lekin kai bar hosh me rehna be behtar ho sakta hai.
नशे में कौन नही है मुझे बताओ ज़रा
किसी पे रंग किसी पे रूप किसी पे जवानी का नशा
किसी को दौलत का........
यात्री नशे में है तो कुछ भी बुरा नही.....
सुमित भाई मुझे नही पता आप किस पडोसी की बात कर रहे हे भाई,लेकिन आप की बात पढकर अपना पन लगा, लगता हे आप काफ़ी उदास हे, अगर कभी दिल करे तो शनि बार या इतवार को आप मेरे साथ g mail पर बात कर सकते हे, ओर मुझे अपना साथी ही समझो.
मेने बहुत पहले नशा करना छोड दिया, शायद यह भी एक नशा ही हो...
धन्यवाद
तीन चार बार पढी आप की पोस्ट तो अब समझ गया आप की पडोसी की बात कर रहे हे :)
bhatiya sahab.
nashe main aisa hi hota hai ek bar main bat na keh milti hai aur na samajh milti hai .....aur apni kahi bat bhi hum bhul jate hain ...sach ye kam ka nasha ..han ye nasha aapki ek post main hi maine padha tha jab vilayati daru aap laye the ....anyway mitra hum aap se jarur bat karna chahenge ...apne samjha mujhe achha laga ...
sumati
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